वर्ष 2011 का एक-एक दिन वर्ष 2005 जैसा होगा...
Sunil Swami वर्ष 2011 का एक-एक दिन वर्ष 2005 जैसा होगा...
लौट के नहीं आता गुजरा जमाना, इस कहावत को कहे हुए भी शायद जमाना बीत गया, लेकिन आने वाला साल अपने साथ बीते हुए साल को पूरी तरह लेकर आ रहा है। वर्ष 2011 एक तरह से वर्ष 2005 की पूरी नकल ही है।
इसमें एक-एक दिन बिलकुल वैसा ही होगा, जैसा वर्ष 2005 में था। इस प्रकार कहा जा सकता है कि गुजरा हुआ जमाना फिर से वापस आ रहा है। इसके साथ ही इस नये साल में आंकड़ों की कई बाजीगरी देखने मिलेगी। पहले ही दिन में 4 इक्के एक साथ होंगे। इसके साथ ही एक चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे साल 6 ग्रहण होंगे।
इसकी शुरूआत 4 जनवरी से ही हो जाएगी। आंकड़ों का खेल कहो या फिर इत्तेफाक कि वर्ष 2011 का हर दिन और दिनांक वर्ष 2005 के अनुसार ही है। नये साल की शुरूआत से लेकर साल का आखिरी दिन भी पूरी तरह से वैसा ही होगा, जैसा हमने वर्ष 2005 में जिया है।
यह अलग बात है कि दिन और दिनांक एक जैसे होने के बाद भी हमारे जीवन में वैसी घटनाएं नहीं होंगी, जैसी हमने पांच साल पहले झेली हैं, लेकिन यदि दिन और दिनांक को मिलाया जाए तो ऐसा लगेगा कि हमने जो जीवन जी लिया है, वही फिर से जी रहे हैं।
2011 : एक और एक ग्यारह का अनूठा संयोग...
अगला साल लोगों के जीवन के लिए खुशहाली व समृद्धिकारक साबित होगा।
इस साल के पहले दिन ही 1.1.11 का अनूठा संयोग बन रहा है। इसके बाद ऐसा संयोग 100 साल बाद बनेगा। 2011 के समान ही वार व तारीख 11 साल बाद 2022 में आएंगी। अंक ज्योतिषियों का कहना है कि एक गणना का पहला अंक है। इसके बाद के सभी अंक बढ़ते जाते हैं, जो प्रगति का सूचक हैं। यही कारण है कि इस साल कई ऐसे बड़े काम होंगे, जिनकी शुरुआत यानी पहला कदम इसी साल रखा जाएगा। राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि एक अंक का प्रतीक भगवान गणोश को माना गया है, जो प्रथम पूज्य है।
साथ ही, यह अंक संगठन का भी प्रतीक है। इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलोजिकल साइंसेज के सीईओ डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि जब एक अंक की प्रधानता होती है तो किसी बड़ी शुरुआत की संभावना रहती है। पं. बंशीधर जयपुर पंचांग के निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा का कहना है कि पहली तारीख, महीना व साल के अंकों को मिलाकर इस साल का मूलांक 4 आ रहा है। 4 अंक का मालिक चंद्रमा होता है। चंद्रमा मन का द्योतक है। लोगों के जीवन में भी चंद्रमा का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि यह साल समृद्धि व उन्नतिकारक साबित होगा।
2005 की तरह ही होगा इस बार का कैलेंडर: वर्ष 2011 के समान ही वार व तारीख 1977, 1983, 1994, 2005 में आए थे। अब 2022, 2033, 2039, 2050, 2061, 2067 में होंगे। समान रूप से तारीख व वार साथ—साथ आ रहे सालों के मध्य लीप ईयर (29 दिन का फरवरी महीना) एक बार आ रहा है तो इन सालों में 6 साल का अंतराल रहेगा। अगर तीन बार लीप ईयर आ रहा है तो 11 साल का अंतराल रहेगा।
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